पुस्तक नाम —
प्रारम्भिक रचनानुवाद कौमुदी ।
लेखक —कपिल देव द्विवेदी
प्रकाशक— विश्व विद्यालय, काशी ।
संक्षिप्त विवरण—
(१) संस्कृत भाषा को अति सरल, सुबोध और सुगम बनाने के लिए यह पुस्तक प्रस्तुत की गयी है। प्रयत्न किया गया है कि छात्रों को प्रत्येक कठिनाई को दूर किया जाय। अतएव सरलतम भाषा का प्रयोग किया गया है।
(२) पुस्तक में केवल ३० अभ्यास हैं। प्रत्येक में केवल २० नये शब्दों का अभ्यास कराया गया है। कोई भी प्रारम्भिक छात्र एक या दो घंटा प्रतिदिन समय देने पर दो दिन में १ अभ्यास पूरा कर सकता है। इस प्रकार दो मास में यह पुस्तक समाप्त हो सकती है। केवल ८० नियमों में सब आवश्यक नियम दे दिये गये हैं। (३) संस्कृत भाषा के प्रारम्भिक ज्ञान के लिए जितने शब्दों, धातुओं और नियमों के जानने की आवश्यकता है, वे सभी इस पुस्तक में हैं। इस पुस्तक का ठीक अभ्यास हो जाने पर छात्र नि:संकोच सरल एवं शुद्ध संस्कृत लिख और बोल सकता है।
(४) प्रारम्भिक छात्रों के लिए उपयोगी सम्पूर्ण व्याकरण इस पुस्तक के अन्त में दिया हुआ है। शब्दों के रूप, धातु-रूप, संख्याएँ, १८ मुख्य सन्धियों के नियम, १० मुख्य प्रत्ययों से बने हुए धातुओं के रूप परिशिष्ट में हैं।
(५) प्रत्येक अभ्यास में कुछ विशेष शब्दों और नियमों का अभ्यास कराया गया है। उनको प्रारम्भ से ही ठीक स्मरण करना चाहिए। विशेष सफलता के लिए प्रत्येक अभ्यास के अन्त में दिये हुए अभ्यास-प्रश्नों को भी करना चाहिए।
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