👉त्रिभाषी कोषः
लेखकः👉ओंकारः
संचार क्रान्ति के इस भूमण्डलीकरण युग में विश्व की सम्पर्क भाषा अंग्रेजी बन गयी है। भारतवर्ष की राष्ट्रभाषा हिन्दी है। अतीत काल में सहस्राब्दियों तक संस्कृतभाषा विश्वभाषा रही है। अतः अंग्रेजी और हिन्दी भाषा ही नहीं, प्रत्युत विश्व की अनेक भाषाओं की जननी संस्कृत भाषा है। इनके शब्द भण्डार संस्कृत भाषा से ही अनुप्राणित हैं। इसलिए संस्कृत भाषा के व्यापक प्रचार-प्रसारार्थ हिन्दी और अंग्रेजी के लोक व्यवहृत शब्दों से लेकर अद्यतन परिष्कृत प्रचलन में चल पड़े शब्दों के संयुक्त त्रिभाषा कोष की महती आवश्यकता अनुभव की जा रही थी। इसकी पूर्ति हेतु हिन्दी और संस्कृतइंगलिश शब्द कोषों पर ही निर्भरता थी। अब यह छोटा सा शब्द कोष संस्कृत भाषा सीखने वाले सभी सुधियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा ।।
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